सूरज को उगने ना दूंगा लक्ष्मण को मरने ना दूंगा

  • suraj ko ugne na dunga laksham ko marne na dunga

सूरज को उगने ना दूंगा
लक्ष्मण को मरने ना दूंगा
ये वादा तेरे हनुमान का-२

सूरज के पास जाके पहले समझाऊंगा
मान जाए ठीक नहीं तो मुख में दबाऊंगा
छा जाए घोर अँधेरा
फिर होगा नहीं सवेरा
ये वादा तेरे हनुमान

काल का भी काल हूँ मैं नाम से डरेगा
बाँध लूँगा मौत फिर कोई ना मरेगा
मेरे रामजी उदास ना होना
मेरे रहते कभी ना रोना
ये वादा तेरे हनुमान

ब्रह्माजी के पास जाके बही खुलवाउंगा
आयु होगी छोटी तो फिर लम्बी करवाऊंगा
ब्रह्मा की कलम चलेगी
लक्ष्मण की उमर बढ़ेगी
ये वादा तेरे हनुमान

बूंटीं की तो बात क्या पहाड़ ले के आऊंगा
रामजी के खातिर मैं तो कुछ भी कर जाऊँगा
अरे भक्त प्रभु मैं तेरा
कुछ रखिये भरोसा मेरा
ये वादा तेरे हनुमान

दीजिये आशीर्वाद मैं तो बूंटीं लेने जाता हूँ
चुटकी बजाके मैं तो बूंटीं लेके आता हूँ
जो लखन के प्राण न लाऊँ
ना अंजनी पूत कहाऊँ
ये वादा तेरे हनुमान

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