वारी जाऊँ तेरे चरण कमल पे
वारी जाऊँ तेरे चरण कमल पे, प्राण भी तेरे नाम करें !
जिस दिन तुझसे नज़र ना मिल पाये, वो दिन भी अब शाम लगे,
ना गहना माँगा नो कोई धाम, बस तेरे पाँव की धूल रहे,
जो जीवन तू छू दे मोहन, तो मृत्यु भी सुगंध बने,
वारी जाऊँ तेरे चरण कमल पे, प्राण भी तेरे नाम करें-०२
और इस भजन से भी आनंदित हों: परदे में बैठे बैठे यूँ ना मुस्कुराइये
तेरे चरण में ही है गंगा, तेरे चरण में ही संसार,
जिन्हें तूने छुआ तक नहीं, वो भी हो जाते बेड़ा पार,
वारी जाऊँ तेरे चरण कमल पे, प्राण भी तेरे नाम करें-०२
जो दर्द भी तुझ तक पहुँच जाये, वो पूजा बन जाता है,
जो नाम तेरे साथ जुड़ जाये, वो जीवन सफल कहाता है,
वारी जाऊँ तेरे चरण कमल पे, प्राण भी तेरे नाम करें-०४