शनि शिंगणापुर से मेरा भाग खुल गया रे

  • shani shingnapur se mera bhaag khul gaya re

शनि शिंगणापुर से मेरा भाग खुल गया रे,
जादू हो गया रे कैसा जादू हो गया रे,

बचपन से सुनता आया शनि की कहानी रे,
आज मुझे याद आई अमृत की वाणी रे,
सपने में कोई मुझे मंत्र दे गया रे,
जादू हो गया रे कैसा जादू हो गया,

जाग उठा मैं तो लगी दर्शन की आस रे,
शनि रूप देखु गा तो भुजे गई प्यास रे,
जीवन में ऐसा शुभ दिन तो आ गया रे,
जादू हो गया रे कैसा जादू हो गया रे,

पौहंच गया मंदिर तो गाई शनि प्राथना,
समाधि की अवस्था में डूभ गई भावना,
अपनी धुन में मगन हुआ होश खो गया रे,
जादू हो गया रे कैसा जादू हो गया रे,

आशीर्वाद देके मुझे शनि ने उठाया,
मेरे मन की शरधा से भगति को लुटाया,
हाथो में पुण्य का परशाद मिल गया रे,
जादू हो गया रे कैसा जादू हो गया रे,

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