गणराज दया कर दे हम ध्यान धरे तेरा
गुरुदेव ! दया कर दे,
हम ध्यान धरे तेरा ।
दासों को यही वर दे,
हम ध्यान धरे तेरा ।। टेक ॥
उस ब्रह्म मुदत पर,
वह नींद तजी हमने।
निबटाकर सब बातें ,
फिर स्नान किया हमने।
इस कारण चल भागे,
हम ध्यान धरे तेरा ।। १ ॥
इस निर्मल आसन पे,
कुछ फूल झुकाये है।
तन मन से किया वन्दन,
बडे भाग से पाये है।
मन मस्त भया अब तो,
हम ध्यान धरे तेरा ।। २ ।।
गम्भीर प्रशान्ती में
यह जलता है दीया।
कहे तुकड्या आसन पें,
निज प्रकाश मैं पाया।
यह ज्योत जले हरदम,
हम ध्यान धरे तेरा ।। ३ ।।