आते हैं बजरंगी शुरुआत होते ही
पावन राम कथा की, कुछ बात होते ही
आते हैं बजरंगी, शुरुआत होते ही
छंद, चौपाई, दोहे, कुछ पाठ होते ही
आते हैं बजरंगी शुरुआत होते ही
भक्तो के हृदय में बसकर मस्त, मगन हो जाते हैं
श्री राम की चर्चा सुनकर सुध, बुध वो खो जाते हैं
जय श्री राम के जयकारे, एक साथ होते ही
आते हैं बजरंगी, शुरुआत होते ही
लगता है पहरे देते हैं घूम घुमके हवाओं में
हनु का होना लगता है धरती पर दसों दिशाओं में
मंदिर की ज्योति में बसते, रात होते ही
आते हैं बजरंगी, शुरुआत होते ही
अनुपम कीर्ति है इनकी श्री राम जी के दुलारे हैं
रोम रोम में राम हैं इनके राम के ही गुण सारे हैं
मर्यादा श्री राम का एहसास होते ही
आते हैं बजरंगी, शुरुआत होते ही