हम तेरे नादान से बालक

  • hum tere naadan se balak

हम तेरे नादान से बालक,
तुम दया के सागर हो,
एक एक बूंद में तेरे अमृत,
हमको जान से प्यारा है,
हम तेरें नादान से बालक…..

यह जीवन है तेरी अमानत,
इसको अपना ही माना,
जब तक तेरी शरण ना आयी,
अपना इसको ना जाना,
तुम हो जग के पालनहारे,
मेरा भी कुछ ध्यान करो,
हम तेरें नादान से बालक…..

दुनिया तेरे दर पर मांगे,
खाली दामन फैलाकर,
हाथ पकड़ लो बाबा मेरा,
ठोकर खाई हूं दर दर,
तुम मेरे बन जाओ बाबा,
चरणों में यह अर्जी है,
हम तेरें नादान से बालक…..

तेरी राहों में बालाजी,
पलके आज बिछाई है,
तेरे होते दुख पाउँ मैं,
क्या यह तेरी मर्जी है,
आके तेरे दर पर मैंने,
यह अरदास लगाई है,
हम तेरें नादान से बालक……

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