गणपति गणेश मनायो मोरी देवा

  • ganpati ganesh manaayo mori deva

ओह्ह सुन्न फ़रियाद पीरा देया पीरा, होर आख सुन्नावा कीनू
तेन जहय मैनू होर ना कोई, ते मैं जहे लाख तेनु

प्रथम गुरा जी को वंदना , द्वित्ये आध गणेश
तृत्य सिमरिए शारदा, मेरे कंठ करो प्रवेश ‘

गणपति गणेश मनायो मोरी देवा
जय जय तेरी जय हो गणेश

किस जननी ने तुझे जनम देयो है,
किस ने देयो उपदेश तुझे देवा ।
माता गोरा ने तुझे जनम देयो है,
शिव ने देयो उपदेश तुझे देवा ॥

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लडुअन का भोग लगे संत करे सेवा ।

एक दन्त दयावन्त चार भुजा धारी,
माथे सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी ।

अंधन को आख देवे कौड़ियां को काया,
बांझन को पुत्र दे निर्धन को माया ।

नमोः नमः नमोः नमः ॥
नमोः विश्वकर्ता नमोः विघ्नहर्ता नमोः शान्ताकारं नमोः निरवकरन ।

ये धरती ये अम्बर ये दरिया समुंदर, ये दिलकश नज़ारे सभी है तुम्हारे ॥

ओह्ह सुन्न फ़रियाद पीरा देया पीरा, होर आख सुन्नावा कीनू
तेन जहय मैनू होर ना कोई, ते मैं जहे लाख तेनु

प्रथम गुरा जी को वंदना , द्वित्ये आध गणेश
तृत्य सिमरिए शारदा, मेरे कंठ करो प्रवेश ‘

गणपति गणेश मनायो मोरी देवा
जय जय तेरी जय हो गणेश

किस जननी ने तुझे जनम देयो है,
किस ने देयो उपदेश तुझे देवा ।
माता गोरा ने तुझे जनम देयो है,
शिव ने देयो उपदेश तुझे देवा ॥

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लडुअन का भोग लगे संत करे सेवा ।

एक दन्त दयावन्त चार भुजा धारी,
माथे सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी ।

अंधन को आख देवे कौड़ियां को काया,
बांझन को पुत्र दे निर्धन को माया ।

नमोः नमः नमोः नमः ॥
नमोः विश्वकर्ता नमोः विघ्नहर्ता नमोः शान्ताकारं नमोः निरवकरन ।

ये धरती ये अम्बर ये दरिया समुंदर, ये दिलकश नज़ारे सभी है तुम्हारे ॥

ये चलती हवाएं, महकती दिषयए, ये साँसों की हलचल कहती है पलपल,
तू नित्यं अनुपम सदा सत्य दिव्यम मनो प्रेमरुपम नमोः विश्व रूपम
तुहि सबसे अफ़ज़ल, तुहि सबसे आला,
अरे तेरे ही दम से जहां में उजाला ।
ज़मीनो फलक चाँद सूरज सितारे, हर एक ज़र्रे में जलवे तुम्हारे.
ओम गन गणपति नमोः नमः ॥

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