सज गए ने अम्बे दे दरबार

  • saj gaye ne ambey de darbaar

सज गए ने अम्बे दे दरबार, माँ दे आये नवरात्रे,
आजो जी करलो बेड़े पार, माँ दे आये नवरात्रे…..

हुंदे जगराते माँ दे, घर घर रुशनाई ए,
मस्त दे नाम अम्बे दी, मस्ती जेही छाई ए,
जो ना मिल सकदी विच संसार, माँ दे आये नवरात्रे,
सज गए ने अम्बे दे दरबा…..

सजया ए इंझ जग सारा, लगदी दिवाली ए,
माँ दे बच्चियाँ दी अज्ज ता, बात निराली ए,
खुशिया दी हो रई ए भरमार, माँ दे आये नवरात्रे,
सज गए ने अम्बे दे दरबा…..

आओ जी रल मिल माँ दिया, ज्योता जगा लईये,
खेत्री बीज लइये, कंजका मना लईये,
आवेगी कंजका दे विचकार, माँ दे आये नवरात्रे,
सज गए ने अम्बे दे दरबा…..

होये संजीव सिकंदर, नाम दीवाने ने,
हर पासे भेंटा गाउँदे, फिरदे मस्ताने ने,
हिन्दू की मुस्लिम की सरदार, माँ दे आये नवरात्रे,
सज गए ने अम्बे दे दरबा…..

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