सेवा में छुपे हैं सुख सारे

  • sewa me chupe hain sukh saare

सेवा में छुपे हैं सुख सारे,इस बात पे हम विश्वास करें।
सेवा में गुजर जाये जीवन सब मिलकर ये अरदास करें।।
तन का आलस मन की हुज्जत, अभिमान की बू सेवा से मिटे।
खुशहाली छाये जीवन में, दुःख दर्द मिटे, हर रोग कटे।
जो गुरु की सेवा करते हैं, प्रभु उनके कारज आप करे।।
सेवा में छुपे हैं सुख सारे,इस बात पे हम विश्वास करें।

दो चार घड़ी की सेवा की , फिर सेवा का अभिमान किया
कुछ को जी भरकर सत्कारा , और बाकी का अपमान किया
ऐसी सेवा सुखदायी नहीं, इस बात का हम अहसास करें।।
सेवा में छुपे हैं सुख सारे,इस बात पे हम विश्वास करें।

जो सतगुरु के मन को भाये ,वो सबसे अच्छी सेवा है।
गर नित्य नियम जो निभ जाये , बस ये ही तन की सेवा है
सेवा की ज्योत जगा करके , दुनिया भर में प्रकाश करें
सेवा में छुपे हैं सुख सारे,इस बात पे हम विश्वास करें।

सतगुरु की सेवा दिलोजान से , ए दासा करते जाए हम,
जो जो भी मिले हुकुम हमको, उसे पूरा करते जाएं हम
फिर लोक सुखी, परलोक सुखी ,जीवन में आनन्द पायें हम
सेवा में छुपे हैं सुख सारे,इस बात पे हम विश्वास करें।

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