मैं बन गयी दासी जगदंबे शेरावाली की

  • main ban gayi dasi jagdambey sherawali ki

में बन गयी दासी जगदंबे शेरावली की……..

ऊँचे ऊँचे पर्वत मैया झंडा झूले लाल,
जो माता दरबार पे आए पूरे करो सवाल,
कोई लौट ना जाए ख़ाली जगदम्बे शेरावली की,
में बन गयी दासी जगदंबे शेरावली की……..

लाल लाल है चोला माँ का लाल लाल है साड़ी,
लाल लाल माँ उड़ें चुनरियाँ आ गयी शेरावाली,
माँ तेज सहा ना जाए जगदंबे शेरावली का ,
में बन गयी दासी जगदंबे शेरावली की……..

जो माता तेरे द्वार पे आए चरणो में तेरे शीश झुकाए,
पान सुपारी ध्वजा नारियल माँ को भेंट चढ़ाए,
माँ प्रेम से भोग लगाओ जगदंबा शेरावली की,
में बन गयी दासी जगदंबे शेरावली की……..

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