धनियाणी से हम बात करते है

  • dhanyaani se hum baat karte hai

जब जब हम दादी का मंगल पाठ करते है,
साक्शात धनियाणी से हम बात करते है,

जो मंगल पाठ कराते है उनके रहते हर दम ठाठ,
यहाँ ये पाठ रहता है वह हो खुशियों की बरसात,
जब जब हम दादी की जय जय कार करते है
साक्शात धनियाणी से हम बात करते है,

कोई चूड़ा लाता है कोई चुनड़ी लाता है
कोई गजरा लाता है कोई मेहँदी लाता है,
जब जब हम दादी का शृंगार करते है,
साक्शात धनियाणी से हम बात करते है,

बधाई सब को मिलती ही खजाना हर कोई पाते है,
के दादी जी का कैलाशी मिल कर लाड लड़ाते है,
जब जब दादी की मन भार करते है,
साक्शात धनियाणी से हम बात करते है,

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