झुंझुनूं की सेठाणी म्हाने याद करे
झुंझुनूं की सेठाणी म्हानै याद करै
मेहंदी.. नथली.. चुड़ो.. चुनड़ी.. आंख्या आगै फिरै
झुंझुनूं की सेठाणी म्हानै…
1.. हिचकी आवै.. आंख फरुकै.. कान में गूंजै शोर
दौड़यो भाग्यो.. आज्या रे बेटा, तू झुंझुनूं की और
मावड़ी.. है खड़ी.. तो तू क्यां नै डरै.. झुंझुनूं की
2.. नेम धरम.. जपतप ना जाणूं.. ना कोई ज्ञान की बात
फेर भी तू.. मनै दरपे बुलावै.. कितणी बड़ी है बात
रिश्तो यो.. आपणो.. मां निभायां सरै.. झुंझुनूं की
3.. अम्बरीष की.. और भगतां की.. गळत्यां दीजै बिसराय
यूं ही मान.. बढ़ाती रहिजै.. अपणे दरपे बुलाय
तू ही तो.. म्हारो घर.. खुशियां से भरै.. झुंझुनूं की
