रस्ता बता दे रब्बा
रब्बा…
रब्बा… ओ रब्बा…
दिल को अपने पत्थर बनाके,
दुनिया से रिस्ता तोड़ा है,
चाल बदल दी रूह ने मेरी,
तेरी तरफ को मोड़ा है।
उठे जो कदम रुकेंगे नहीं,
मंजिल का मेरी…
रस्ता बता दे,
रस्ता बता दे रब्बा रस्ता बता दे,
बिगड़ी मेरी रब्बा तू बना दे,
रस्ता बता दे रब्बा रस्ता बता दे,
मैं ढूढ़ता वो सीढ़ियां,
जो तेरे दर पहुंचती है।
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नाव है वो कौन सी जो घट तेरे रुकती है,
वो कौन सी आवाज है जो तेरे कान में पड़ती है,
न बेरहम हो इतना जो तू मुझको भुला दे,
आरजू को मेरी रब्बा कुछ तो हवा दे,
मंजिल का मेरी, रस्ता बता दे,
रस्ता बता दे रब्बा रस्ता बता दे,
बिगड़ी मेरी रब्बा तू बना दे,
रस्ता बता दे रब्बा रस्ता बता दे,
रब्बा…

