धरती पे बैकुण्ठ जहाँ पावन झुंझुनू धाम

  • dharti pe bekunth yaha pawan jhunjhanu dhaam

धरती पे बैकुण्ठ जहाँ पावन झुंझुनू धाम,
पंच देव मंदिर में विराजे बाबा गंगा धाम,
धरती पे बैकुण्ठ ….

जैसे श्री राम के सेवक बलि है केसरी नंदन,
गंगा राम के सेवक यहाँ है देवकी नंदन,
भक्त सिरोमनि की भगति को लाखो लाख परनाम,
पंच देव मंदिर में विराजे बाबा गंगा धाम,
धरती पे बैकुण्ठ ….

ये गंगा राम का मंदिर है सीधा मोक्ष का द्वारा,
लगा है पंच देव दरबार भक्ति की बहे धारा,
शिव दुर्गा लक्ष्मी सहित वीर बलि हनुमान ,
पंच देव मंदिर में विराजे बाबा गंगा धाम,
धरती पे बैकुण्ठ ….

जय हो नारायण अवतारी तेरी महिमा बड़ी भारी,
तेरी चरणों की धूलि से कट ती विपदाएं सारे,
सौरव मधुकर गुण तेरे गाये सुबहो शाम,
पंच देव मंदिर में विराजे बाबा गंगा धाम,
धरती पे बैकुण्ठ ….

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