उठ परदेशी तेरा वक़्त हो गया

  • uth pardeshi tera waqt ho geya

अभी तो जगाया था तू अभी सो गया,
उठ परदेशी तेरा वक़्त हो गया,

हम परदेशियो की यही है निशानी,
आये और चले गये ख़त्म कहानी,
कोई आया हस्ते हस्ते कोई रो गया,
उठ परदेशी तेरा वक़्त हो गया…..

बार बार पहले भी तू आया है यहाँ पर,
देखा आखे खोल तेरा ध्यान है कहा पर,
अनमोल जीवन तेरा व्यर्थ हो गया,
उठ परदेशी तेरा वक़्त हो गया…..

सारे रिश्ते नाते तेरे यही रह जाये गे,
हीरे मोती तेरे काम नही आये गे.
भोज पापो वाला बार बार ढोह गया,
उठ परदेशी तेरा वक़्त हो गया,

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