दस्सी कलगी वालेया वे
दस्सी कलगी वालेया वे किथे लाला दे ने जोड़े,
माता गुजरी दसदी न किथे पाया ओहना विछोडे,
मेरे लाला दे जोड़े मेरे सोहने राज दुलारे,
पै गया विछोडा सी आ के शरसा नदी किनारे,
फ़तेह सिंह ते जोरावर जेह्ड़े उमरा दे विच थोड़े,
किस जालम ने आ के फूल ढाली नालो तोड़े,
गंगू राम रोसियाँ सी जिस ने ऐना जुलम कमाया,
मेरे छोटे लाला नु जिसने ठाने विच फ़डाया,
ओह केह्डा पापी सी जिस ने दितियाँ सी सजावा,
किवे पाई शहीदी सी सुन के दिल दी प्यास बुजावा,
सरहंद दी धरती ते ऊहना जा के फ़तेह बुलाई,
नीहा विच चिने गये ओहना धर्म नु लाज न लाइ
जो बडेया नाल बीती गुरु जी ओह बी जरा सुनाओ,
मेरे दिल वूच भडक रही ममता दी अग्न बुजाओ ,
मेरे अजीत जुझार ने ढूह के खिचिया जद तलवारा,
लखा ताई मार दिता किते फटड कई हजारा,
जंग होया किथे सी किथे ओहना ने जोहर विखाये,
ओह धरती केहड़ी सी जिस ने शहीदी जाम पियाए
चमकोर दी धरती सी जिथे जमके होई लड़ाई,
मेरे लाला ने हस के ओथे लाडी मोत व्याही
