मुझे है काम इश्वर से जगत रूठे तो रुठन दे

  • mujhe hai kaam ishvar se jagat ruthe to ruthan de

मुझे है काम इश्वर से जगत रूठे तो रुठन दे,

कुटम्ब परिवार सुख तारा मान धन लाज नोकर की
प्रभु का भजन करने में अगर छुटे तो छुट्टन दे
मुझे है काम इश्वर से जगत रूठे तो रुठन दे,

बेठ संगत में संगत की करू कल्याण मैं अपना
लोक दुनिया के भोगो में मौज लुटे तो लुटन दे
मुझे है काम इश्वर से जगत रूठे तो रुठन दे,

प्रभु के ध्यान करने से लगी दिल में लग्न मेरे
प्रीत संसार विशियो से अगर टूटे तो टूटन दे
मुझे है काम इश्वर से जगत रूठे तो रुठन दे,

धरी सिर पाप की मटकी मेरे गुरु देव ने पटकी
वो बरह्मा नन्द ने पटकी अगर फूटे तो फुटन दे
मुझे है काम इश्वर से जगत रूठे तो रुठन दे,

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