चल हंसा उस देश समद जहा मोती

  • chal hansa us desh samd jaha moti

चल हंसा उस देश समद जहा मोती रे
मोती समद जहा मोती समद जहा मोती रे

चल हंसा उस देश निराला, बिन शशि भान रहे उजियारा
जहा लागे ना चोट काल की, जगामग ज्योति रे
चल हंसा उस देश समद जहा मोती रे

जब चलने की करी तैयारी, माया जाल फंस्या अतिभारी
करले सोच विचार घड़ी दोय, होती रे
चल हंसा उस देश समद जहा मोती रे

चाल पड्या जद दुविधा छूटी, पिछली प्रीत कुटुंब से टूटी
हंसा भरी उड़ान, हंसिनी रोती रे
चल हंसा उस देश समद जहा मोती रे

जाय किया समदर में बासा, फेर नहीं आवण की आशा
गावै भानीनाथ, मोत सिर सोती रे
चल हंसा उस देश समद जहा मोती रे

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