सुमिरन करले मेरे मना

  • sumiran karle mere mana

सुमिरन करले मेरे मना,
बीती जावे उमर हरी नाम बिना

पक्षी पंख बिना हस्ती दांत बिना पिता है पुत बिना,
वेसया का पुत्र पिता बिना हिन्ना वैसे प्राणी हरी नाम बिना,
सुमिरण करले मेरे मना……

देह परान बिना रैन चन्द्र बिना धरती मेघ बिना,
जैसे पंडित वेद बिना वैसे प्राणी हरी नाम बिना,
सुमिरण करले मेरे मना……

कुप निर बिना धेनु शीर बिना मंदिर दीप बिना,
जैसे तरवर फल बिना हिना वैसे प्राणी हरी नाम बिना,
सुमिरण करले मेरे मना……….

काम करोध मध लोभ विचारो कपट छोड़ो संत जना,
केवे नानक सुनो बगवांता ओ जगत म कोई नहीं अपना,
वैसे प्राणी हरी नाम बिना
सुमिरण करले मेरे मना…….

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