मर वे खसमाँ मर वे
मर वे खसमाँ मर वे तू मरे ता वसदा घर वे,
तू ता बुन्दा ताने बाने मैं चंदरी दी कदर न जाने
मेनू लगदा तेरे तो डोर वे
मर वे खसमा मर वे तू मरे ता वसदा घर वे
इधर उधर तू भटकदा रहंदा,
न किते तू टिक के बेहंदा,
पंजा चोरा लिया तेनु फड वे
मर वे खसमा मर वे तू मरे ता वसदा घर वे
न सिमरन ते तू बैठन दिंदा
चुस्त चलाकियाँ करदा रहंदा
उस रब दे कोलो डरदा वे
मर वे खसमा मर वे तू मरे ता वसदा घर वे
मन मन्दिर विच तेनु बेहना न आवे
काह्तो करदा लोक दिखावे
कोई कम चंगा तू कर वे
मर वे खसमा मर वे तू मरे ता वसदा घर वे
रोशन रहिपे वाला लिखदा जावे
गावे बबी तेनु समझ न आवे
इक दिन जाना बाजी हरवे,
मर वे खसमा मर वे तू मरे ता वसदा घर वे

