दादा तेरी रहमतों का

  • dada teri rehmato ka

खड़खड़ा जाकर मैं बड़ा हरषाता हुं,
चौमुखा भैरव का दरशन जब पाता हुं,

दादा तेरी रहमतों का, मैं तो कायल हो गया,
देखकर प्यारी सी सुरत, दिल ये घायल हो गया,
ओ दादा रे, मैं तेरा दीवाना

जिन्दगी कांटों सी थी, तुमने बचाया है मुझे,
हर चुभन पर दादा दादा याद आया है मुझे,
मेरे दिल की धड़कनों पर नाम तेरा हो गया,
देखकर प्यारी सी सुरत……
ओ दादा रे, मैं तेरा दीवाना

नाव थी मझधार में पतवार तुम ही बन गये,
मुश्किले जब आयी तो मेरी ढाल तुम ही बन गये,
साथ जो तेरा मिला तो आसां सबकुछ हो गया,
देखकर प्यारी सी सुरत……
ओ दादा, मैं तेरा, दीवाना ।

जिन्दगी में रोशनी तुमने ही लाई है मेरी,
बगिया भी फुलों से तुमने ही सजाई है मेरी,
‘ज्योति’ का दिल दादा के दर का दीवाना हो गया,
देखकर प्यारी सी सुरत……
ओ दादा मैं तेरा, दीवाना

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