तू हीं है रक्षक मेरे हनुमान
रोम रोम में राम बसे हैं, मुख पे उनका नाम,
तेरा जैसा ना कोई सेवक, तुझको है प्रणाम,
तू हीं है रक्षक तू हीं है आनंद, मेरे हनुमान-०२
संकट जब भी घेर ले मुझको, आस ना कोई दिखे,
मन में बस तेरा नाम पुकारूँ, तू हीं सबकुछ देखे,
लंका जारी पर्वत तोड़ा, सबकुछ किया आसान,
बहुत पिशाच निकट नहीं आवे, जब ले तेरा नाम,
तू हीं मेरी शक्ति तू हीं पहचान, मेरे हनुमान,
तू हीं है रक्षक तू हीं है आनंद, मेरे हनुमान।
और इस भजन का भी अवलोकन करें: जिसका रखवाला है हनुमान
राम दुत बनकर तुम आये,
भक्ति की ऐसी शक्ति दिखाई, रघुवर का मन हर्षाया,
अतुलित बल के धाम हो तुम हीं, पवन पुत्र बलवान,
तेरे चरणों में झुकता है, ये सारा जहान,
तू हीं है भक्ति तू हीं ज्ञान, मेरे हनुमान,
तू हीं है रक्षक तू हीं है आनंद, मेरे हनुमान।
इस जग में अब तेरे सिवा, कोई नहीं है मेरा,
हर अँधेरे में हे बजरंगी, बस है तेरा बसेरा,
ले लो शरण में दे दो वरदान, मेरे हनुमान,
तू हीं है रक्षक तू हीं है आनंद, मेरे हनुमान-०२
