धीरज रख वो रहमत की बरखा बरसा भी देगा
Dhiraj Rakh Wo Rahmat Ki Barkha Barsa Bhi Dega
तोड़ कभी ना आस की डोरी, खुशियाँ देगा भर-भर बोरी-02
मगर वो गम की परछाई से तुझे डरा भी देगा-02
जिस साईं ने दर्द दिया है वही दवा भी देगा,
धीरज रख वो रहमत की बरखा बरसा भी देगा
जिसके हाथ में सबकी रेखा उसकी और जिसने भी देखा,
सही समय पर मध्यम तारा वो चमका भी देगा-02
जिस साईं ने दर्द दिया है वही दवा भी देगा,
धीरज रख वो रहमत की बरखा बरसा भी देगा
मांग में भर बिंदिया से पहले नाम वही निंदिया से पहले-02
एक दिन वो तेरी आशा को एक चेहरा भी देगा-02
जिस साईं ने दर्द दिया है वही दवा भी देगा,
धीरज रख वो रहमत की बरखा बरसा भी देगा
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