करो तो आछी करो और बुरी विचारो नाय

  • karo to acchi karo or buri vicharo naay

करो तो आछी करो और बुरी विचारो नाय,
कसर पड़े ज्यूँ मति करो इण ओछी उमर रे माय,

होई जाओ संत सुधारो थारी काया जी,
अपने धनीयारा मारग झीणा है ओ रावल माल,
समझयोड़ा हो तो झीणो रे मार्ग हालो जी,
रथ ने घोड़ा ने धीमा हाको
ओ रावल माल होय जाओ संत,
सुधारो थारी काया जी….

ऊंडा ऊंडा नीर अथंग जल भरियो जी,
बेरूडा रो थाक नहीं आयो,
ओ रावल माल होय जाओ संत,
सुधारो थारी काया जी…….

कड़वा रे नीम निम्बोल्या ज्यारी मीठी जी,
कुण नर मिसरी मिलाई है,
ओ रावल माल होय जाओ संत,
सुधारो थारी काया जी………

बैठ हथायां माल झूठ मत बोलो जी,
पंच पंचो रे माहि जावे,
ओ रावल माल होय जाओ संत,
सुधारो थारी काया जी………

अरे घर री तो खांड करकरी लागे जी
गुड़ तो चोरी रो मीठो लागे,
ओ रावल माल होय जाओ संत,
सुधारो थारी काया जी………

पराई नार आँगणिया में ऊबी जी,
ज्याने बेनर के बतलावो,
ओ रावल माल होय जाओ संत,
सुधारो थारी काया जी………

उजड़ खेता में बीज मति बावो जी,
हाँसल हाथ कोनी आवे है,
ओ रावल माल होय जाओ संत,
सुधारो थारी काया जी……..

दोई कर जोड़ रानी रूपादे जी बोले जी,
अपने धणीयो ने समझाया है,
ओ रावल माल होय जाओ संत,
सुधारो थारी काया जी…..

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