आखिर मेरा काम हुआ हैं नाकोड़ा दरबार मे

  • aakhir mera kaam hua hai nakoda darbaar me

काम कोई भी कर नहीं पाया, घूम लिया संसार में,
आखिर मेरा काम हुआ हैं नाकोड़ा दरबार मे,
दादा, मेरे दादा, मेरे दादा, दादा,
तेरा और मेरा, जन्मो का हैं नाता…..

जब जब मैंने नाम लिया, दादा ने हर एक काम किया,
नैय्या जब जब डोली हैं, उसने आकर के थाम लिया,
बारह महीने मनती दीवाली, बारह महीने मनती दीवाली,
अब मेरे परिवार में,
आखिर मेरा काम हुआ हैं नाकोड़ा दरबार मे…

क्या कहना दरबार का, ये साचा दरबार निराला हैं,
शीश झुकाकर देख जरा, फिर बेड़ा पार तुम्हारा हैं,
तेरा संकट दूर करेंगे, तेरा संकट दूर करेंगे,
दादा पहली बार में,
आखिर मेरा काम हुआ हैं नाकोड़ा दरबार मे…

इसके चरणों में तू झुक जा, काम तेरा हो जाएगा,
इसकी कृपा जो हो जाए, बैठा मौज उड़ाएगा,
फिर काहे को घूम रहा हैं, फिर काहे को घूम रहा हैं,
हर कोई दरबार में,
आखिर मेरा काम हुवा हैं नाकोड़ा दरबार मे…

मिलते-जुलते भजन...