हर कदम पर मौत मंडराये

  • har kadam par mout mandraye

हर कदम पर मौत मंडराये, भजन करलो जरा,
जाने कब किसकी बारी आये, भजन करलो जरा,
हर कदम पर मौत….

जो भी जैसा भी करम करता यहां पर,
उसको वैसा ही फल मिलता यहां पर,
उसको वैसा ही2फल मिलता मिलता है यहां पर,
बात तेरी वहां बन जाये,भजन करलो जरा,
जाने कब किसकी बारी…..

मौत जब आये बन ठन के दुल्हनियां,
तुझको दूल्हा भी बनायेगी ये दुनियां,
तुझको दूल्हा भी2बनायेगी बनायेगी ये दुनियां,
उससे पहले सेहरा बंध जाये,भजन करलो जरा,
जाने कब किसकी बारी…..

काहे बंदे तू करे नादानी है,
तेरी काया भी राख हो जानी है,
खत्म हो होगी2एक दिन तेरी कहानी है,
कैद तस्वीर में हो जाये,भजन करलो जरा,
जाने कब किसकी बारी…

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