घर के द्वार पे बजरंगी का पहरा

  • Ghar Ke Dwar Pe Bajrangi Ka Pahra

मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा,
सर पे हनुमत का है हाँथ सदा,
जो बजरंगी से कह दूँ मैं पूरी होती अरदास सदा,
पूरी होती अरदास सदा,
मुझे छु न सका दुःख दूर दूर हीं ठहरा है-०२
मेरे घर के द्वार पे बजरंगी का पहरा है-०२
हो मुझे छु न सका दुःख दूर दूर हीं ठहरा है,
मेरे घर के द्वार पे बजरंगी का पहरा है,
मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा,
सर पे हनुमंत का है हाँथ सदा।

जय हो !
सुख के झूलों में झूलूं मै हनुमत की कृपया न भूलूँ मैं,
हो सुख के झूलों में झूलूं मै हनुमत की कृपया न भूलूँ मैं,
बल मिलता मन से लड़ने का हनुमत के चरण जब छू लूँ मैं,
हनुमत के चरण जब छू लूँ मैं,
दोनों राम के भख्त ये रिश्ता गहरा है,
हम दोनों हैं राम के भख्त ये रिश्ता गहरा है,
मेरे घर के द्वार पे बजरंगी का पहरा है-०२
मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा,
सर पे हनुमत का है हाँथ सदा।

मेरे घर से बलाये दूर रहें सभी गरम हवाएं दूर रहें-०२
जंतर मंतर जादू टोना कभी पास न आये दूर रहें,
कभी पास न आये दूर रहें,
बजरंग की छवि में महाकाल का चेहरा है-०२
और मेरे घर के द्वार पे बजरंगी का पहरा है,
मेरे घर के द्वार पे बजरंगी का पहरा है,
मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा,
सर पे हनुमत का है हाँथ सदा।

जय हो !
बालाजी चलें मेरे साथ सदा, मेरे हाँथ में इनका हाँथ सदा,
हो बालाजी चलें मेरे साथ सदा, मेरे हाँथ में इनका हाँथ सदा,
मेहंदीपुर वाले बालाजी मेरी मन की सुनते बात सदा,
मेरी मन की सुनते बात सदा,
कहते हैं लक्खा तेरा भाग्य सुनहरा है,
सब कहते हैं लक्खा तेरा भाग्य सुनहरा है,
और मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है,
ओ मेरे घर के द्वार पर हनुमान का पहरा है,
मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा,
सर पे हनुमत का है हाँथ सदा।

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