दो दिन की जिंदगानी रे

  • do din ki zindgani re

दो दिन की जिंदगानी रे प्राणी काहे,
करे तू गुमान रे,
करे तू गुमान रे अरे इंसान रे,
जीवन बहता पानी रे प्राणी काहे,
करे तू गुमान रे……

धन और दौलत बड़ा ही कमाया,
इस माया ने हरि को भुलाया,
माया तो आनी है जानी रे प्राणी काहे,
करे तू गुमान रे,
जीवन बहता पानी रे प्राणी काहे,
करे तू गुमान रे…….

काया पे काहे मान करे है,
इस पे तू काहे अभिमान करे है,
रहता ना रूप जवानी रे प्राणी काहे,
करे तू गुमान रे,
जीवन बहता पानी रे प्राणी काहे,
करे तू गुमान रे……

मोह माया से प्रीत हटा ले,
हरि नाम से प्रीत लगा ले,
छोड़ दे यह मनमानी रे प्राणी काहे,
करे तू गुमान रे,
जीवन बहता पानी रे प्राणी काहे,
करे तू गुमान रे…….

दो दिन की जिंदगानी रे प्राणी काहे,
करे तू गुमान रे,
करे तू गुमान रे अरे इंसान रे,
जीवन बहता पानी रे प्राणी काहे,
करे तू गुमान रे……

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