साधो ये मुर्दो का गांव

  • sadho ye murdon ka gaon

जेही मरने से जग डरे,मेरे मन आंनद
कब मरिहो कब पाईयो,पुरंण परमान्द
मरते मरते जग मुया,मुये ना जाना कोए
ऐसे होय के ना मुया,बहुर ना मरना होये
साधो ये मुर्दों का गांव

पीर मरे,पैगंबर मरी हैं,मरी हैं जिंदा जोगी
राजा मरी हैं,परजा मरी हैं,मरी हैं वैद और
रोगी साधो ये मुर्दो का गांव
साधो….

चंदा मरी हैं,सूरज मरी हैं,मरी हैं धरनी अकासा
चौदह भुवन के चौधरी मरी हैं,इनहुं को का आसा
साधो ये मुर्दो का गांव
साधो….

नौहूं मरी हैं,दस हुंन मरी हैं,मरी हैं सहज अथासी
तेंतिस कोटि देवता मरी हैं,पड़ी काल की फांसी
साधो ये मुर्दो का गांव
साधो….

नाम अनाम अनंन्त रहत है,दूजा तत्व न होई
कहें हीं कबीर सुनो भाई साधो,भटक मरो मत कोई
साधु यह मुर्दो का गांव
साधो….

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