चलो हम चले अब हरि के द्वारे

  • Chalo Hum Chale Ab Hari Ke Dware

चलो हम चले अब हरि के द्वारे
वहा का रिवाज अनुथ
मिला सबी को बूटा मिलेंगे सहारा

चलो अब हम चले हरि के द्वारे
वहा का रिवाज अनुथ
मिला सबी को बूटा मिलेंगे सहारा

ऐसी है माया उसकी कोई नहीं जाने
पालो में फकीर बने भरदे खजाने

अरे ओ दीवाने छोड़ दे
बहाने पल चल प्यारे
चलो अब हम चले हरि के द्वारे

नहीं भगवान बंदे बाउ रे किसिका
जिन पुकार मन से ईश्वर उसिका

भजन कर इसी का
मत बुरा कर किसी का
फ़िर देख ले नज़र
चलो अब हम चले हरि के द्वारे

ओ आर मूरख बंदे क्यो तू फूल
कौन से नशे में अपने ईश्वर को भूला

जवानी बबुला उड़ जाए धूला उड़ेंगे सितारे
चलो अब हम चले हरि के द्वारे

तन मेरा मंदिर मन मेरी पूजा
तेरे जैसा देव और नहीं कोई दूजा

मिलेगा अजूबा मिला है
अजूबा हरि तेरे द्वारे
चलो हम चले अब हरि के द्वारे

कवि विजन अब तो हरि गुण गाले
जीवन ये सारा करदे हरि के हवाला

हरि ही संभले हरि ही निकले
भवर से किनारे
चलो हम चले अब हरि के द्वारे

चलो अब हम चले हरि के द्वारे
वहा का रिवाज अनुथ
मिला सबी को बूटा मिलेंगे सहारा
चलो हम चले अब हरि के द्वारे

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