मिल जाए भगवान की मुझको मिल जाए भगवान
भक्ति भाव के भूखे भगवान
पूज रहा इंसान के मुझको मिल जाए भगवान
मिल जाए भगवान की मुझको मिल जाए भगवान
धरम करम के भावर जाल में
उलझा मान सात नही माना
दुनिया के हर चीज़ को भूल वास अपना ही माना
उनको भौतिक भेट चड़ा कर
लाद रहा इंसान
की मुझको मिल जाए भगवान
दुर्योधन का मेवा त्यागा
साग विधुर घर खाए
दीं सुदामा का तंडुल ख़ाके
भक्ति का मान बढ़ाए
प्रभु प्रेम के छोड़ में
इंसान भटक रहा जहा में
की मुझको मिल जाए भगवान
मिल जाए भगवान की मुझको मिल जाए भगवान
नही दान दक्षिणा खाली हाथ चले आओ
प्रेम भाव का डीप जलाकर प्रभु के चाव तले आओ
मान मंदिर में प्रभु बसे है
करे उससी का ध्यान
की मुझको मिल जाए भगवान
मिल जाए भगवान की मुझको मिल जाए भगवान


