|

राम का गुणगान करिये

  • ram ka gungaan kriye

राम का गुणगान करिये, राम का गुणगान करिये।
राम प्रभु की भद्रता का, सभ्यता का ध्यान धरिये॥

राम के गुण गुणचिरंतन,
राम गुण सुमिरन रतन धन।
मनुजता को कर विभूषित,
मनुज को धनवान करिये, ध्यान धरिये॥

सगुण ब्रह्म स्वरुप सुन्दर,
सुजन रंजन रूप सुखकर।
राम आत्माराम,

मिलते-जुलते भजन...