राम बने है दूल्हा सीता जी दुल्हनिया
राम बने है दूल्हा, सीता जी दुल्हनिया,
आज होगा रे लगन, सीता जी का राम संग ।
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी,
सब हर्षाये, सभी देते हैं बधाइयां ।।
कैसी जोड़ी है सजी, सीता संग राम की,
आये देव सभी, देव सभी,
राम बने है दुल्हा, सीता जी दुल्हनिया ।।
राम बनेंगे आज सिया वर, जानकी राम प्रिया हो,
मंदिर मंदिर घर घर छाई, चारो तरफ खुशियां हो ।
जनक दुलारी ने रघुवर का, आज किया है वरन हो,
राम ओढ़ाने आये, सीता को चुनरिया ।।
आज होगा रे लगन, सीता जी का राम संग,
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी,
राम बने है दुल्हा, सीता जी दुल्हनिया ।।
धर्म निभाना है राजा को, आज तो एक पिता का,
करना है कन्यादान जनक को, आज तो अपनी सुता का ।
जनक भरे हैं नैन में आंसू, दिल मे बड़ी ये दुआ हो,
तुमको लगे ना लाडो, किसी की नज़रिया ।।
आज होगा रे लगन, सीता जी का राम संग,
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी,
राम बने है दुल्हा, सीता जी दुल्हनिया ।।
अवधपुरी के सब नर नारी, आज भरे हैं उमंग से,
दशरथ हर्षित हर्षित हैं सब, माताएं इस संग से ।
रघुनंदन ने पूरा किया है, आज तो सबका स्वपन हो,
राम ब्याह के लाये, सीता को नगरिया ।।
आज होगा रे लगन, सीता जी का राम संग,
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी,
राम बने है दुल्हा, सीता जी दुल्हनिया ।।
राम बने है दूल्हा, सीता जी दुल्हनिया,
आज होगा रे लगन, सीता जी का राम संग ।
बड़ी शुभ है घड़ी, शुभ है घड़ी,
राम बने है दुल्हा, सीता जी दुल्हनिया ।।
