मां लक्ष्मी अब मुझको ये वरदान दीजिए
मां लक्ष्मी अब मुझको ये वरदान दीजिए
ग़म दूर कर, प्रकाश से धन धान दीजिए
आंखें हैं भीगी भीगी, पांव थके हमारे
तुलसी कुम्हला गई है आज घर के द्वारे
व्याकुल हृदय को फिर मुस्कान दीजिए
ग़म दूर कर, प्रकाश से धन धान दीजिए
निशा अमावस की आई ले दीपों का त्योहार
सजन के घर आने से सजनी करे श्रृंगार
बाहों में जग झूले वो आराम दीजिए
ग़म दूर कर, प्रकाश से धन धान दीजिए
हिंदू हमको प्यारा है, मुस्लिम है भाई हमारा
आओ मिलकर गायें हम जय हिंद का नारा
भारत के इस लोकतंत्र को मां दीजिए
ग़म दूर कर, प्रकाश से धन धान दीजिए
अखंडता और एकता का हम सब पाठ पढ़ें
सारे धर्म बराबर हैं, इस आदर्श पर चलें
सलामत भारत माता का यशगान कीजिए
ग़म दूर कर, प्रकाश से धन धान दीजिए