सिंधु सुता श्री विष्णु की प्यारी धन धान्य की देवी लक्ष्मी मां
सिंधु सुता श्री विष्णु की प्यारी
धन धान्य की देवी लक्ष्मी मां
शेष की सैंया हरि संग विराजी
धन धान्य की देवी लक्ष्मी मां
जय मां लक्ष्मी मां बोल
जय जय मां लक्ष्मी मां बोल
जय जय मैया लक्ष्मी मैया
जय जय मैया लक्ष्मी मैया
पद्मासना श्री विष्णु की प्यारी
धन धान्य की देवी लक्ष्मी मां
सागर मंथन से लक्ष्मी मां आयी
श्री विष्णु के वाम विराजी
रूप चतुर्भुज अनुपम प्यारा
भाव सागर से पार उतारा
उल्लू की करती मां है सवारी
धन धान्य की देवी लक्ष्मी मां
सिंधु सुता श्री विष्णु की प्यारी
धन धान्य की देवी लक्ष्मी मां
शेष की सैंया हरि संग विराजी
धन धान्य की देवी लक्ष्मी मां
दो हाथों में कमल है साजे
लाल वस्त्र में मां है विराजे
स्वर्ण मुकुट है और गले में माला
मां लक्ष्मी का रूप निराला
सूर्य सी आभा मां की है प्यारी
धन धान्य की देवी लक्ष्मी मां
सिंधु सुता श्री विष्णु की प्यारी
धन धान्य की देवी लक्ष्मी मां
जो भी मां की शरण में आया
जिसने मां आलख जगाया
मन की मुरादें उसने पायी
जय जय महालक्ष्मी माई
करी खुशहाल है सृष्टि सारी
धन धान्य की देवी लक्ष्मी मां
सिंधु सुता श्री विष्णु की प्यारी
धन धान्य की देवी लक्ष्मी मां
पद्मासना श्री विष्णु की प्यारी
धन धान्य की देवी लक्ष्मी मां