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लक्ष्मी चालीसा श्री वैभव लक्ष्मी चालीसा

  • Laxmi Chalisa Shri Vaibhav Lakshmi Chalisa

वैभव लक्ष्मी शुभ दाता
शुभ गुण प्रेमल रूप
हाथ जोड़ी अर्चन करे
सेवत स्वामी भूप

जननी वैभव लक्ष्मी माता
विष्णु प्रिया माँ जगत विधाता

जननी वैभव लक्ष्मी माता
विष्णु प्रिया मा जगत विधाता

नारायानी लोक उपकारी
भक्तो की माँ विपदा हारी

मोपर कृपा करो कल्याणी
सुने कर्मा नित अमृत वाणी

माँ का रूप जगत विख्याता
तीनो लोक अंबे प्रदाता

ज्ञान मन धन तुम से पावे
तेरो नाम ही पाप नशावे

जब जब छाया जग अंधियारा
माँ किया तूने उजियारा

तीनो लोक करे तब पूजा
तो सम आंब अन्या नही दूजा

माँ मुख मंडल तेज विराजे
प्रीत वासन कर पंकज साजे

दस भाव जो मा को जप्ता
तीनो ताप से कभी ना तापटा

मैं अभोढ़ आंब दयालु
कृपा करो मा परम कृपालु
वैभव लक्ष्मी वैभव दाता
जाई जाई हो लक्ष्मी माता

जिस घर में तुम रहती माता
दुख दरिद्रा कभी नही आता
विनती करू लक्ष्मी महारानी
वैभव लक्ष्मी जाग की रानी

आठ रूप हे अंबे तिहरे
वे सब संकट हारते सारे
एक नाम गाज लक्ष्मी माते
खड़े भगत सब शीश झुकते
जाग को वैभव दे दे माता
जाग जननी गाज लक्ष्मी माता

एक नाम आधी लक्ष्मी माता
चार और आचार की भाग्या विधाता
बीते जॉनी है मा तुम उबरो
भाव बंधन से हुमको तारो
दही सुबुद्धि सुगनान दे अंबा
जीवन सफल कर जगदाम्भा

धान्या लक्ष्मी एक रूप टिहरो
आई मा मैं तेरे द्वारे
संतान लक्ष्मी तब एक रूपा
मंगल मूरती मॅट स्वरूपा
आशवर्या लक्ष्मी परम कृपालु
सर्वा व्यापी मा परम दयालु
पूरना करो मा आश् हमारी
प्रियजन संग हम तुम्हारी
वियर लक्ष्मी नाव निधि की डाती
मोप कृपा करो हे मातृ

माता तू पाताल में रहती
कृपा सदा भक्तो पेर करती
विजय मा लक्ष्मी सुनिधि की दाता
जो ध्यता सो सिद्धि पता
धान्या लक्ष्मी करती धन वृद्धि
महिमा बदाती देती सिद्धि
महालक्ष्मी हे बस तू एका
करती कृपा धरी रूप अनेका

श्री श्री यंत्रा महा फ़ालकारी
नित दर्शन देवे फल चारी
पूजा करो मा देवी स्वशा
सदा करो माँ ग्रहा में वसा
टेयरो नाम सुमीर जो गावे
दुख दरिद्रा ते कभी ना पावे
सुकरा वार जो मा व्रत करता
मा का स्नेह भगत दुख हरता
एकिश एकिश शूकारवार है मॅन भवन

विधि पूरवक जो Pऊजेटुम्को
सुख संरादी देती उनको
मा की कृपा से पाप है काटते
भाव के भंधन नाम से हटते
ईर्षा द्वेष जो मॅन में लावे
मा की कृपा कभी ना पावे

मा हर लेती है अज्ञाना
भगत को देती है साद ज्ञाना
मा देती उनको आशिशा
जो नित पाठ करे चालीसा

मा देती उनको जो नित पाठ करे चालीसा
जो नित पाठ करे चालीसा

हाथ जोड़ विनती करू हे मा वैभव लक्ष्मी
मेरी पूजा स्वीकारो हे मा धन लक्ष्मी

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