जिनके हृदय राम रमे उनको काहे की कमी
जिनके हृदय राम रमे
उनको काहे की कमी
उनको काहे की कमी
जपले राम सिया राम ।।
बोलो राम सिया राम,
जय जय राम सिया राम ।
राम की महिमा जो नित गाये,
उनके भाग भारी ।।
रामायण का जो पाठ करते,
उनके में बलिहारी ।
जिनके हृदय राम लगानिया,
आठो याम लगी ।।
उनको काहे की कमी,
जिनके हृदय राम रमे ।
उनको काहे की कमी,
उनको काहे की कमी ।।
जपले राम सिया राम,
बोलो राम सिया राम ।
राम नाम तुलसी ने गाया,
भवसागर है भय पारा ।।
राम नाम नित जपे कबीरा,
भाया राम दिदारा ।
राम चुनरिया ओढ़ के मीरा,
जोगनिया बनी ।।
उसको काहे की कमी,
जपले राम सिया राम ।
बोलो राम सिया राम,
जय जय राम सिया राम ।।
जिनके हृदय राम रमे,
उनको काहे की कमी ।
उनको काहे की कमी,
राम रचैया सारे जग का ।।
सबका जीवन दाता,
वोही बंधू प्राण आत्मा ।
गुरु पिता और माता,
उनकी शरण में लागो भैया ।।
उनसा कोई नहीं,
फिर तो काहे की कमी ।
जपले सिया राम,
जिनके हृदय राम रमे ।।
उनको काहे की कमी,
उनको काहे की कमी ।
जपले राम सिया राम,
बोलो राम सिया राम ।।

