मेरे सजना मेरे प्राण हैं
मेहंदी रचाई हाथों में, है नाम सजन का सांसो में,
मेहंदी रचाई हाथों में, है नाम सजन का सांसो में,
हर जन्म आप साथी मिलो, हैं आप मेरे एहसासो में,
मैं तेरी सुहागिन हूँ, ये जीवन तेरे नाम है,
हम दो शरीर एक जान हैं, मेरे सजना मेरे प्राण हैं-०२
और इस भजन को भी देखें: व्रत करवा चौथ का आया
मेरे श्रृंगार मेरे सुहाग, मेरे पिया हैं,
वो मेरे राम जी हैं, हम उनकी सिया हैं,
मेरे श्रृंगार मेरे सुहाग, मेरे पिया हैं,
वो मेरे राम जी हैं, हम उनकी सिया हैं,
भाग्य संवर गया मेरा, भर दिया आपने मांग है,
हम दो शरीर एक जान हैं, मेरे सजना मेरे प्राण हैं-०२
की हूँ करवा चौथ का व्रत, मैं निर्जल हूँ,
निभाऊं पत्नी धर्म को मैं, मन से निर्मल हूँ,
की हूँ करवा चौथ का व्रत, मैं निर्जल हूँ,
निभाऊं पत्नी धर्म को मैं, मन से निर्मल हूँ,
मैं आप की हूँ दासी, पिया आप मेरे भगवान हैं,
हम दो शरीर एक जान हैं, मेरे सजना मेरे प्राण हैं-०२
