करवा चौथ की रात
सजी है थाल सुहागों की, गूँज है प्यार की रागों की,
सजी है थाल सुहागों की, गूँज है प्यार की रागों की,
कहाँ छुपा है चंदा मेरे, छत पे आना रे,
करवा चौथ की रात सजन, तुम रस्म निभाना रे-०२
कहाँ छुपा है चंदा मेरे, छत पे आना रे,
करवा चौथ की रात सजन, तुम रस्म निभाना रे-०२
हो ओ ओ ओ ओ…
हो ओ ओ ओ…
हो ओ ओ ओ ओ…
हो ओ ओ ओ…
चांदी की लुटिया का पानी, कब से करे तेरी अगवानी,
महकाया मैंने घर आंगन, भर दे आंगन का तू दामन,
सजना का है साथ सुहावन, आज की रात बड़ी है पावन,
तेरे चांदनी में शिव का आशीष है पाना रे,
करवा चौथ की रात सजन, तुम रस्म निभाना रे-०२
और इस भजन का भी अवलोकन करें: व्रत करवा चौथ का आया
हो ओ ओ ओ ओ…
हो ओ ओ ओ…
बहुत हुई अब आँख मिचोली, सूख रही हल्दी रोली,
ढूंढ़ रही तुम्हें सभी सुहागन, बादल से तू आ जा बाहर,
हमने अमर सुहाग है माँगा, कभी ना टूटे प्यार का धागा,
सजना तेरा साथ ये, सातो जन्म है पाना रे,
करवा चौथ की रात सजन, तुम रस्म निभाना रे-०४
हो ओ ओ ओ ओ…
हो ओ ओ ओ…
हो ओ ओ ओ ओ…
हो ओ ओ ओ…
