आज शुक्रवार है माँ संतोषी का वार है

  • Aaj Shukrawar Hai Maa Santoshi Ka War Hai

आज शुक्रवार है संतोषी माँ का वार है ये सच्चा दरबार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है,
आज शुक्रवार है संतोषी माँ का वार है ये सच्चा दरबार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है।

रिद्धि सिद्धि की पुत्री हो तुम तेरे पिता गणेश है, तेरे पिता गणेश हैं-०२
शुभ लाभ दिर भ्राता हैं जो काटत सकल कलेश हैं, काटत सकल कलेश हैं,
शक्ति का अवतार है, संतोषी माँ का वार है ये सच्चा दरबार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है,
आज शुक्रवार है संतोषी माँ का वार है ये सच्चा दरबार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है।

स्वर्ण कटोरा भरा चावल से तेरे पहले हाँथ में, तेरे पहले हाँथ में-०२
दूजा हाँथ वर मुद्रा धारी, तीजे तिरशूल साथ में, तीजे तिरशूल साथ में,
चौथे में तलवार है, संतोषी माँ का वार है ये सच्चा दरबार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है,
आज शुक्रवार है संतोषी माँ का वार है ये सच्चा दरबार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है।

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भुना चना गुड़ का प्रसाद जो माता तुम्हें चढ़ाता है, माता तुम्हें चढ़ाता है-०२
सुख शांति वैभव देती तुम खाली हाँथ न जाता है, कोई खाली हाँथ न जाता है, जग की पालनहार है संतोषी का वार है ये सच्चा दरबार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है,
आज शुक्रवार है संतोषी माँ का वार है ये सच्चा दरबार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है।

सोलह शुक्रवार का व्रत जो माता तेरा करता है, तेरा व्रत माँ करता है-०२
मनोकामना पूरन होती भव से पार उतरता है, भव से पार उतरता है,
खुशियों की भरमार है संतोषी माँ का वार है ये सच्चा दरबार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है,
आज शुक्रवार है संतोषी माँ का वार है ये सच्चा दरबार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है।

जल थल नभ में विचरण करती लेकर शेर सवारी माँ, लेकर शेर सवारी माँ -०२
स्वर्ण मुकुट मस्तक पर शोभे रूप चतुर्भुज धारी माँ, रूप चतुर्भुज धारी माँ,
भर देती भंडार है संतोषी माँ का वार है ये सच्चा दरबार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है,
आज शुक्रवार है संतोषी माँ का वार है ये सच्चा दरबार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है,
आज शुक्रवार है संतोषी माँ का वार है ये सच्चा दरबार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है।


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