माँ अंजनी के प्यारे
जितने पड़े थे खाली मेरे भर दिए सब भंडारे
माँ अंजनी के प्यारे तूने कर दिए वारे न्यारे
जब से तेरी शरण में आया मेरी मौज बना दी
जीवन में जितनी चिंता थी तूने सारी मिटा दी
दूर हुए है मुझसे इस जीवन के संकट सारे
जितने पड़े थे खाली मेरे भर दिए सब भंडारे
मेरे घर में कर दी तूने खुशियों की बरसात
जितना मैंने सोचा नहीं था उतने कर दिए ठाट
फुला नहीं समाता बाबा अब मै ख़ुशी के मारे
जितने पड़े थे खाली मेरे भर दिए सब भंडारे
गूंज रहा है सारे जग में तेरे नाम का डंका
तेरी ही चौखट पर आकर काम सभी का बनता
शर्मा की किस्मत के बदले तूने पल में सितारे
जितने पड़े थे खाली मेरे भर दिए सब भंडारे
माँ अंजनी के प्यारे तूने कर दिए वारे न्यारे
जितने पड़े थे खाली मेरे भर दिए सब भंडारे
