हरी आ जाओ एक बार एक बार
मेरा छोटा सा संसार,
हरि आ जाओ एक बार ।
हरि आ जाओ हरि आ जाओ,
मेरी बिगड़ी आज बना जाओ ॥
हरि आ जाओ एक बार,
मेरा छोटा सा संसार…
लाखों को दरश दिखाया है,
प्रभु मुझको क्यों तरसाया है ।
ये कैसी तुम्हारी माया है,
नित बहती है असुवन धार ।।
हरि आ जाओ एक बार,
मेरा छोटा सा संसार…
जब याद तुम्हारी आती है,
तन मन की सुध बिसराती है ।
रह रह के मुझे तड़पाती है,
अब दर्शन दो दातार ।
हरि आ जाओ एक बार,
मेरा छोटा सा संसार…



