मेरे रोम रोम में बसा हुआ हनुमान जी नाम तुम्हारा
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
मेरे रोम रोम में बसा हुआ हनुमान जी नाम तुम्हारा,
मेरा तू ही एक सहारा, बाबा तू ही एक सहारा,
मेरे रोम रोम में बसा हुआ हनुमान जी नाम तुम्हारा,
मेरा तू ही एक सहारा, बाबा तू ही एक सहारा,
मेरे जीवन की डूबी नैया का तू ही एक किनारा,
मेरा तू ही एक सहारा, बाला तू ही एक सहारा,
जय बजरंगी, जय बजरंगी, जय बजरंगी, जय बजरंगी ।
तेरे नाम को सुमिरूँ बाला हरपल तुझको ही मैं ध्याऊँ,
हनुमान, हनुमान, हनुमान, हनुमान,
इस अंतर मन में बाबा तेरे नाम की ज्योति जगाऊँ,
तेरे नाम की ज्योति जगाऊँ,
मेरे अंधियारे जीवन का बाबा तू ही तो उजियारा,
मेरा तू ही एक सहारा, बाबा तू ही एक सहारा ।
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मैं चाहूँ ना धन और दौलत ना चाहूँ चांदी सोना,
मुझे मिल जाए तेरे चरणों में रहने को एक कोना,
बाबा रहने को एक कोना,
झूठी दुनिया में भटक रहा हूँ बाबा मारा मारा,
मेरा तू ही एक सहारा, बाबा तू ही एक सहारा ।
तेरी शक्ति का हे बजरंगी कोई भी पार ना पाया,
हनुमान, हनुमान, हनुमान, हनुमान,
क्या होती है भक्ति तूने दुनिया को है समझाया,
तूने दुनिया को समझाया,
तेरी भक्ति के सागर ने, सबको भव से पार उतारा,
मेरा तू ही एक सहारा, बाबा तू ही एक सहारा ।
एक बात है दिल में बजरंगी तुझसे ये कहना चाहूँ,
तेरा नाम हो एक जुबां पे जब मैं इस दुनिया से जाऊं,
जब इस दुनिया से जाऊं,
तेरे नाम सहारे खुल जाए मेरी मुक्ति का द्वारा,
मेरा तू ही एक सहारा, बाबा तू ही एक सहारा,
मेरे रोम रोम में बसा हुआ हनुमान जी नाम तुम्हारा,
मेरा तू ही एक सहारा, मेरा तू ही एक सहारा,
मेरा तू ही एक सहारा, बाबा तू ही एक सहारा…..