मेरी माँ अम्बे का दरबार

  • Meri Maa Ambe Ka Darbar

सीढ़ी सीढ़ी चढ़ते जाओ, जय माता दी करते आओ
सीढ़ी सीढ़ी चढ़ते जाओ, जय माता दी करते आओ

मेरी माँ अम्बे का दरबार, सदा हीं जगमग रहता है-०२
लगाते लोग जयकारे, भरा भक्तों से रहता है-०२
हो जोतावाली का दरबार, सदा हीं जगमग रहता है,
जोतावाली का दरबार, सदा हीं जगमग रहता है,
लगाते लोग जयकारे, भरा भक्तों से रहता है-०२

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माँ की लाल चुनार जो लाये, प्रेम से वो माँ को चढ़ाये-०२
मनचाहा वर माँ से पाये, झोली भरके वो घर जाये,
माँ तो आखिर माँ होती है, सबको लाड लड़ाये,
सब भक्तों को माता का दर्शन लाभ मिलता, शेरावाली का दरबार,
मेरी माँ अम्बे का दरबार, सदा हीं जगमग रहता है,
लगाते लोग जयकारे, भरा भक्तों से रहता है-०२
जय जय अम्बे माँ
जय जगदम्बे माँ
जय जय अम्बे माँ
जय जगदम्बे माँ

जब से माँ तेरा दर आया, मन मंदिर दरबार सजाया-०२
प्राणों का आसन है बिछाया, आत्मा रूप में तुझे बिठाया,
सतकर्मों का पावन जल माँ, तेरे चरणों में मैंने चढ़ाया,
तेरी आरती करे ये सांसे,आस्था का माँ दीप जलाया,
माँ तेरे दरबार,
मेरी माँ अम्बे का दरबार, सदा हीं जगमग रहता है,
लगाते लोग जयकारे, भरा भक्तों से रहता है-०२
मेरी माँ जोतावाली, मेरी माँ शेरावाली
मेरी माँ जोतावाली, मेरी माँ शेरावाली


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