तू मेरे घर आजा दातिए

  • tu mere ghar aaja datiye

मईया आओ शेरसवार,
तू मेरे घर आजा दातिए,
के दर्श दिखा जा दातिए।।

बिंदी चूड़ी लाल मैं लाई,
लाल चुनरियाँ माँ को ओढ़ाई,
नाक में नथिनी, कान में बाली,
पैरो पे पायल पहनाई,
मईया कर सोलह शृंगार,
आ जाओ शेरसवार,
तू मेरे घर आजा दातिए,
के दर्श दिखा जा दातिए।।

पान सुपारी ध्वजा नारियल,
मईया जी को भेट चढ़ाउ,
घिस घिस चंदन भरी कटोरी,
मईया जी को तिलक लगाऊ,
मईया देगी पार उतार,
सब बोलो जय जयकार,
तू मेरे घर आजा दातिए,
के दर्श दिखा जा दातिए।।

सच्चे मन से जो भी ध्यावे,
सबकी मईया बिगड़ी बनावे,
गाड़ी बंगला कोठी देवे,
गोदी में माँ लाल खिलावे,
तेरा सांवरी करे गुणगान,
राजू चरणों में मांगे वरदान,
तू मेरे घर आजा दातिए,
के दर्श दिखा जा दातिए।।

आयी नवरात्रो की बहार,
मईया आओ शेरसवार,
तू मेरे घर आजा दातिए,
के दर्श दिखा जा दातिए……….

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