ऊँची ऊँची चढ़ के चढ़ाई आया मैं महामाँई

  • unchi unchi chadh ke chadhayi aaya main mahamayi

ऊँची ऊँची चढ़ के चढ़ाई आया मैं महामाँई,
दरश की अलक लगी है मैया से लगन लगी है,
लाल चूनर तेरी तारों वाली मैं लायी महामाँई,
ऊँची ऊँची……

था ये भरोसा मुझको एक दिन तो मैया तू बुलाएगी,
जन्मों का सोया हुआ मेरा नसीब माँ जगाएगी,
पान सुपारी ध्वजा नारियल थाल है मैंने सजाई,
दरश की अलख लगी है मैया से लगन लगी है…..

सोने की बिंदिया लाया नाक नथनीय कंठ हार है,
हाथों का चूड़ा लाया लाया मैं सोलह शृंगार भी,
चंदन तिलक लगा कर मैया ज्योति तेरी जगायी,
दरश की अलख लगी है मैया से लगन लगी है…..

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