चलअ धानी आरती उतारे
जय जय जय जय जय जय मईया !
चलअ धानी आरती उतारे।
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
लाल ओड़हुलवा के हार लइनी,
योवन योवन जइ तैयार कइनी,
ये जी सुनअ,
लाल ओड़हुलवा के हार लइनी,
योवन योवन जइ तैयार कइनी,
अइलीं मोरी माई दुआरे,
कहअ जी,
अइलीं मोरी माई दुआरे,
चलअ चलअ धानी आरती उतारे,
गंगा जल से पाऊंआ पखारे,
चलअ चलअ धानी आरती उतारे,
ठीके बा जी !
ॐ जय अंबे गौरी, मईया जय श्यामा गौरी,
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरी ब्रह्मा शिवरी,
ॐ जय अंबे गौरी।
और इस भजन को भी सुनें: मईया दर्शनवा देदीं
बड़ा भाग्य अइलीं मायरिया हो,
गूंजेला माई जयकरिया हो,
रोज रोज करबो सिंगार माई के,
नजरो ना लगी हो हमारी माई के,
लागी झुलुआ निमिया के दाढ़ें-०२
चलअ चलअ धानी आरती उतारे,
गंगा जल से पाऊंआ पखारे,
चलअ चलअ धानी आरती उतारे,
अच्छा जी !
जय जय जय जय जय जय मईया !
चलअ धानी आरती उतारे।
माई के रुपवा निहारत रहब,
सोरहो सिंगार से सजावत रहब,
अपना माई के चुनरी ओढ़ाईव,
अपना हाथे हम झुलुआ झूलाईव,
पंकज माई के पचरा उचारे-०२
चलअ चलअ धानी आरती उतारे,
चलीं !
गंगा जल से पाऊंआ पखारे,
चलअ चलअ धानी आरती उतारे,
चलीं !