बल्ले बल्ले पहाड़ो मे कमाल हो गया
बल्ले बल्ले पहाड़ो मे कमाल हो गया,
बल्ले बल्ले पहाड़ो मे कमाल हो गया,
शावा शावा पहाड़ो में कमाल हो गया ,
जगी गुफा में है जोत नुरांनी, पहाड़ो मे कमाल हो गया ।
बल्ले बल्ले ओ बल्ले बल्ले
बल्ले बल्ले ओ बल्ले बल्ले
बल्ले बल्ले पहाड़ो मे कमाल हो गया…..
त्रिलोकी की रानी ने है ऐसी कला रचाई,
त्रिकुट पर्वत के ऊपर सुन्दर गुफा सजाई….-
बल्ले बल्ले, बल्ले बल्ले……
बल्ले बल्ले के सोहणा है द्वार माई दा,
शावा शावा के सोहणा है द्वार माई दा,
जहाँ मिलती सबको मुरादे, सोहणा है द्वार माई दा
बल्ले बल्ले पहाड़ो मे कमाल हो गया…..
बैठी खोल भंडारे देखो अन्नपूर्णा माता,
एक बार जो दर पे आता खाली वो न जाता….-
बल्ले बल्ले, बल्ले बल्ले……
बल्ले बल्ले के ढोल नगारे बजते,
शावा शावा के ढोल नगारे बजते,
जो भी आये मईया जी के द्वारे, ढोल नगारे बजते
बल्ले बल्ले पहाड़ो मे कमाल हो गया…..
झूम झूम के नाच रहे सब मैया जी के दीवाने,
किसको क्या है देना ये तो माँ अम्बे ही जाने…-
बल्ले बल्ले, बल्ले बल्ले…..
बल्ले बल्ले माँ शेर सवारी आ गई,
तेरे दर पे खड़े सवाली शेर की सवारी आ गई,
सारे जग को रचाने वाली माँ, शेर की सवारी आ गई
बल्ले बल्ले पहाड़ो मे कमाल हो गया……
बल्ले बल्ले ओ बल्ले बल्ले
जगी गुफा में है जोत नुरांनी पहाड़ो मे कमाल हो गया
बल्ले बल्ले ओ बल्ले बल्ले
बल्ले बल्ले ओ बल्ले बल्ले
बल्ले बल्ले पहाड़ो मे कमाल हो गया
बल्ले बल्ले पहाड़ो मे कमाल हो गया……