मैं तेरे दर पे आया हूँ, कुछ करके जाऊंगा

  • main tere dar pe aya hoon kuch karke jaunga

मैं तेरे दर पे आया हूँ, कुछ करके जाऊंगा,
झोली भर जाऊंगा या मर के जाऊंगा,

तू सब कुछ जाने है, हर ग़म पहचाने है,
जो दिल की उलझन है, सब रौशन है,
तू मेरी सहनशाह है,ये बंदी निर्धन है,
तेरी शौहरत सुन सुन के फ़रियादें लाया हूँ, मैं,,,

तू सब कुछ जाने है, हर ग़म पहचाने है,
जो दिल की उलझन है, सब रौशन है,
अब ये सर फूटेगा, सर इस दर टूटेगा,
जो दुनियां चाहे झुके तेरा पल्ला न छूटेगा,मैं,,,,

वैष्णों का नज़ारा है, मंजर हमें प्यारा है,
मैया का द्वारा है, गंगा की धारा है,
ये बंदा पागल है, बस तेरा क़ायल है,
तेरी शौहरत सुन सुन के फरियादें लाया हूँ,मैं,,,,,

मैं न हरगिज़ इधर से उधर जाऊँगा,
मैं जिधर जाऊँगा तेरा कहलाऊंगा,
भीख दोगी तो इस दर से तर जाऊँगा,
वरना कह के ये चरणों में मर जाऊँगा, मैं,,,,,,,,

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