जठै इंद्र लियो अवतार रूप आवड़ को

  • jaithe indra liyo avtar roop aawad ko

जठै इंद्र लियो अवतार रूप आवड़ को
म्हारै मन में चढ़ गयो चाव खुड़द जावण को

मैं तो लाल धजा ले हाथ संघ रै सागै
मैं तो सरपट चालूं आज सभी सूं आगै
मैया करयो हुकुम इणबार, मंदिर आवण को

म्हारो लाड मात इंदेश, सांतरो राखै
म्हांसू दुखड़ा कोसों दूर , आंतरो राखै
है अणतोल्यो आनंद, मैया ने ध्यावण को

कोई मधरा बाजै ढोल, चंग रस घोळे
जय जय करणी इंद्रेश, दिशा दस बोलै
मन करणी भवन में आय, घूमर घालण को

इंद्र करणी दोय नाम , काम सब सागी
आं री मेहर जगत में पाय, कोई बडभागी
मन मौको मत ना चूक, सुजस गावण को

अन्नदाता थांसू आस,भरोसो भारी
थांनै प्रांजल मात मनाय , जिंदगी सारी
थारो गायो रामोतार भजन फागण को

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